Hindi christian film अंश 4 : "परमेश्वर में आस्था" - क्या बाइबल में विश्वास प्रभु में विश्वास करने के समान है?
धार्मिक संसार में अधिकांश लोग यह मानते हैं कि बाइबल ईसाई धर्म की कसौटी है, व्यक्ति को बाइबल का पालन करना चाहिए तथा प्रभु में व्यक्ति के विश्वास का आधार पूरी तरह से बाइबल में होना चाहिए, और अगर कोई बाइबल से अलग होता है तो उसे विश्वासी नहीं समझा जाएगा। इसलिए क्या प्रभु में विश्वास रखना और बाइबल में विश्वास रखना एक ही बात है? बाइबल और प्रभु के बीच वास्तव में क्या संबंध है? एक बार प्रभु यीशु ने प्राचीन यहूदी समुदाय को इन शब्दों के बारे में फटकार लगाई थी, "तुम पवित्रशास्त्र में ढूँढ़ते हो, क्योंकि समझते हो कि उसमें अनन्त जीवन तुम्हें मिलता है; और यह वही है जो मेरी गवाही देता है ; फिर भी तुम जीवन पाने के लिये मेरे पास आना नहीं चाहते।" (यूहन्ना 5 : 39-40) (© BSI) बाइबल मात्र परमेश्वर की गवाही है,परंतु इसमें अनन्त जीवन नहीं है। केवल परमेश्वर ही सत्य, मार्ग, और जीवन है। उस मामले में, हम बाइबल को किस नज़र से देखें कि वह प्रभु की इच्छा के अनुरूप हो?
बाइबल उपदेश आपको बाइबल की गहराई में जाने और परमेश्वर की इच्छा को समझने में मदद करता हैI
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