परमेश्वर के कथन "भ्रष्ट मनुष्यजाति को देहधारी परमेश्वर के उद्धार की अधिक आवश्यकता है" (भाग तीन)
सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं, "देह में किए गए उसके कार्य के विषय में सबसे अच्छी बात यह है कि वह सटीक वचनों एवं उपदेशों को, और मानवजाति के लिए अपनी सटीक इच्छा को उन लोगों के लिए छोड़ सकता है जो उसका अनुसरण करते हैं, ताकि बाद में उसके अनुयायी देह में किए गए उसके समस्त कार्य और समूची मानवजाति के लिए उसकी इच्छा को अत्यधिक सटीकता एवं अत्यंत ठोस रूप में उन लोगों तक पहुंचा सकते हैं जो इस मार्ग को स्वीकार करते हैं। केवल मनुष्य के बीच देह में प्रगट परमेश्वर का कार्य ही सचमुच में परमेश्वर के अस्तित्व और मनुष्य के साथ रहने के तथ्य को पूरा करता है। केवल यह कार्य ही परमेश्वर के मुख को देखने, परमेश्वर के कार्य की गवाही देने, और परमेश्वर के व्यक्तिगत वचन को सुनने हेतु मनुष्य की इच्छा को पूरा करता है। देहधारी परमेश्वर उस युग को अन्त की ओर लाता है जब सिर्फ यहोवा की पीठ ही मानवजाति को दिखाई दी थी, और साथ ही अस्पष्ट परमेश्वर में मानवजाति के विश्वास का भी समाप परमेश्वर का वच नन करता है। विशेष रूप में, अंतिम देहधारी परमेश्वर का कार्य सारी मानवजाति को एक ऐसे युग में लाता है जो और अधिक वास्तविक, और अधिक व्यावहारिक, एवं और अधिक मनोहर है। वह न केवल व्यवस्था एवं सिद्धान्त के युग का अन्त करता है; बल्कि अति महत्वपूर्ण रूप से, वह मानवजाति पर ऐसे परमेश्वर को प्रगट करता है जो वास्तविक एवं साधारण है, जो धर्मी एवं पवित्र है, जो प्रबंधकीय योजना के कार्य को चालू करता है और मानवजाति के रहस्यों एवं मंज़िल को प्रदर्शित करता है, जिसने मानवजाति को सृजा था और प्रबंधकीय कार्य को अन्त की ओर ले जाता है, और जो हज़ारों वर्षों से छिपा हुआ है। वह अस्पष्टता के युग को सम्पूर्ण अन्त की ओर ले जाता है, वह उस युग का अन्त करता है जिसमें समूची मानवजाति परमेश्वर के मुख को खोजने की इच्छा करती थी परन्तु वह ऐसा करने में असमर्थ थी, वह ऐसे युग का अन्त करता है जिसमें समूची मानवजाति शैतान की सेवा करती थी, और समस्त मानवजाति की अगुवाई पूरी तरह से एक नए विशेष काल (युग) में करता है। यह सब परमेश्वर के आत्मा के बजाए देह में प्रगट परमेश्वर के कार्य का परिणाम है।"
लौटे हुवे प्रभु यीशु की अभिव्यक्ति, कृपया "वचन देह में प्रकट होता है" पढ़ें
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